जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस ने सोमवार देर रात 9 कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी कर दी। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी 19 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।
दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूला 26 अगस्त को फाइनल हो गया था। केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों में से 51 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और 32 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। 2 सीटें CPI (M) और पेंथर्स पार्टी को मिली हैं।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, सलमान खुर्शीद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हामीद कर्रा ने सोमवार को श्रीनगर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला के घर जाकर मुलाकात की। नेताओं के बीच घंटों चली मीटिंग के बाद सीट शेयरिंग पर बात बनी थी।
कांग्रेस की 9 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट...
नेशनल कॉन्फ्रेंस की 18 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट..
राहुल ने कहा था- गठबंधन तभी, जब कार्यकर्ताओं को इज्जत मिलेगी
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी 21 अगस्त की शाम श्रीनगर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन और सीट बंटवारे को लेकर मीटिंग की। राहुल ने 22 अगस्त को कार्यकर्ताओं से कहा था कि जम्मू-कश्मीर चुनाव में गठबंधन तभी होगा, जब कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को इज्जत मिलेगी।
इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि अगर हमने जम्मू-कश्मीर का चुनाव जीत लिया तो पूरा देश हमारे कब्जे में होगा।
जम्मू-कश्मीर में तीन फेज में वोटिंग, 4 अक्टूबर को रिजल्ट आएगा
इलेक्शन कमीशन ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। राज्य में तीन फेज में वोटिंग होगी। यहां विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 46 है।
2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
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